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DElEd 2020 Admission EWS will get 10 percent reservation

कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में पढ़ाने के अनिवार्य योग्यता डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2020-21 सत्र के प्रवेश में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। केंद्र सरकार ने पिछले साल इसका प्रावधान किया था। केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत अन्य प्रवेश एवं भर्ती में इसका लाभ गरीबों को मिला था लेकिन डीएलएड 2019-20 प्रवेश में अवसर नहीं मिल पाया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय सूत्रों के अनुसार इस साल अधिसूचना का अध्ययन करते हुए और इस संबंध में राज्य सरकार के के आदेश के अनुपालन में  डीएलएड प्रवेश में आवश्यक प्रावधान किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अधीन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) और निजी कॉलेजों में प्रवेश 17 जुलाई 2019 से प्रवेश शुरू हुआ था। 19 से 30 जुलाई 2019 तक मेरिट के क्रम में अभ्यर्थियों से संस्थानों के विकल्प ऑनलाइन भरवाए गए थे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के सदस्य सचिव संजय अवस्थी ने 8 जुलाई 2019 को पत्र भेजकर 2019-20 सत्र से ही ईडब्ल्यूएस का 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्देश दिया था।

लेकिन प्रदेश के कार्मिक विभाग का आदेश समय से नहीं मिल पाने के कारण डीएलएड प्रवेश में ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आवश्यक प्रावधान नहीं हो सका था। हालांकि एनसीटीई के 8 जुलाई 2019 के पत्र के क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपने बीएड और एमएड कोर्स में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू कर दिया था।

आरक्षण मिलने पर बढ़ेगी डीएलएड की 57 हजार सीटें
डीएलएड में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू होने पर 57287 सीटें बढ़ेंगी। वर्तमान में 67 डायट व एक कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन वाराणसी में 10600 सीटें हैं। इसकी 25 प्रतिशत 2650 सीटें तो सिर्फ डायट व सीटीई में ही बढ़ानी पड़ेगी। जबकि 3087 निजी कॉलेजों में उपलब्ध 218550 सीटों के सापेक्ष 54637 सीटों की वृद्धि होगी। इस लिहाज से कुल 57287 सीटों की कुल वृद्धि होगी। एनसीटीई ने ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के आरक्षण को बिना प्रभावित किए 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण देने का निर्देश दिया है। जिसके चलते पाठ्यक्रमों की कुल सीटों में 25 प्रतिशत सीट की वृद्धि करनी पड़ेगी।

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