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UP Scholarship 2023: यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति नियमों में किया संशोधन इस वर्ग के सभी छात्रों को मिलेगा बड़ा फायदा

UP Scholarship 2023: यूपी की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए योग्यता आधारित व्यवस्था लागू की है धोखाधड़ी रोकने के लिए अब आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के जरिए ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। यूपी की योगी सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए योग्यता आधारित व्यवस्था लागू की है

धोखाधड़ी रोकने के लिए अब आधार प्रमाणीकरण और डीबीटी के जरिए ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (UDIS) और उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) कोड को शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मोनिका एस गर्ग ने बुधवार को संशोधित नियमावली जारी की।

छात्रवृत्ति देने की मौजूदा आवश्यकताओं को देखते हुए यह संशोधन किया गया है

अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में 10वीं से पहले की कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप देने की मौजूदा आवश्यकताओं को देखते हुए यह संशोधन किया गया है नई व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर आनुपातिक रूप से बजट का निर्धारण किया गया है।

पिछली व्यवस्था में नये आवेदकों को प्राथमिकता एवं वरीयता देने से उच्च बुद्धि वाले नये आवेदकों को लाभ नहीं मिल पाता था। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की उच्च बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरिट प्रणाली लागू की गई है। इससे उम्मीदवारों के चयन में भी पारदर्शिता आएगी स्कॉलरशिप एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदक का आधार प्रमाणीकरण ऑनलाइन सीधे उसके खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है।

UP Scholarship Status 2023

आर्टिकल का नामउत्तर प्रदेश छात्रवृत्ति
विभाग का नामसमाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश
लाभार्थीउत्तर प्रदेश के छात्र
उद्देश्यछात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना
राज्यउत्तर प्रदेश
साल2023-24
छत्रवृत्ति की भुगतान स्थितिऑनलाइन
अधिकारिक वेबसाइटhttps://scholarship.up.gov.in

डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से उम्मीदवारों का सत्यापन करना होगा

उन्होंने कहा है कि इससे फर्जी अस्तित्वहीन और गैर संचालित शिक्षण संस्थान अब योजना का अनुचित लाभ नहीं उठा सकेंगे पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जवाबदेही तय करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों और नोडल अधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से उम्मीदवारों का सत्यापन करना होगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद इसे जिला छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

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उन्होंने कहा कि पहले की व्यवस्था में 10वीं के बाद की कक्षाओं के लिए एकमुश्त बजट प्रावधान किया जाता था और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस अधिक होने के कारण अधिकांश बजट उनके छात्रों पर खर्च हो जाता था। इससे गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी योजना के लाभ से वंचित हो गये. नए नियमों से सभी कोर्स के छात्रों को फायदा होगा

यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति नियमों में किया संशोधन

 

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यूपी छात्रवृत्ति योजना और कॉशन मनी को लेकर अहम फैसला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी कॉलेजों में अनियमितता रोकने के लिए बड़े बदलाव करने जा रहे हैं यूपी छात्रवृत्ति योजना और कॉशन मनी को लेकर अहम फैसला लिया गया है अगले साल से सरकारी कॉलेजों में स्कॉलरशिप और कॉशन मनी पाने के लिए छात्रों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगानी होगी। न्यूनतम 75% उपस्थिति होने पर ही भुगतान किया जाएगा अन्यथा छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा नई व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं ताकि योग्य उम्मीदवारों को सहायता प्रदान की जा सके। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद यह योजना लागू की जायेगी

छात्रवृत्ति परिवार की वार्षिक आय पर मिलती है

जानकारी के मुताबिक सरकार एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 2.5 लाख रुपये और अन्य वर्ग के उम्मीदवारों को 2 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान करती है यदि परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये है। हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाते हैं। कई बार ऐसा पाया गया है कि अयोग्य अभ्यर्थियों ने अनियमितताओं का फायदा उठाकर छात्रवृत्ति ले ली और पात्र अभ्यर्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह गये। इस कमी को दूर करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा। अनुमान है कि नई योजना के लागू होने के बाद सरकारी खजाने पर बोझ भी कम होगा और सालाना करीब 10 फीसदी बजट की बचत होगी

नई व्यवस्था में ये बदलाव होगा

अब तक जो व्यवस्था थी उसमें अगर कोई छात्र स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़कर किसी प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेता था तो उसे एक साल के लिए छात्रवृत्ति से वंचित रहना पड़ता था। नई व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा, लेकिन शर्त यह है कि दूसरे कोर्स में प्रवेश सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से ही करना होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई बीएससी छात्र सरकार द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से IIT NIT या MBBS में प्रवेश लेता है तो उसे छात्रवृत्ति का भुगतान जारी रहेगा। नई व्यवस्था शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू करने की योजना है। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

मंत्री धर्मपाल सिंह ने क्या कहा

अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में 10वीं कक्षा से पहले की कक्षाओं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की मौजूदा आवश्यकताओं को देखते हुए यह आवश्यक संशोधन किया गया है नई संशोधित व्यवस्था में पाठ्यक्रम के आधार पर आनुपातिक रूप से बजट का निर्धारण किया गया है। पिछली व्यवस्था में नये आवेदकों को प्राथमिकता एवं वरीयता देने से उच्च बुद्धि वाले नये आवेदकों को लाभ नहीं मिल पाता था। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की उच्च बुद्धिमत्ता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मेरिट प्रणाली लागू की गई है। इससे उम्मीदवारों के चयन में भी पारदर्शिता आएगी. छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदक का आधार प्रमाणीकरण ऑनलाइन सीधे उसके खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है

फर्जी अस्तित्वहीन एवं गैरसंचालित शिक्षण संस्थान लाभ नहीं ले सकेंगे।

उन्होंने कहा है कि इससे फर्जी अस्तित्वहीन और गैर संचालित शिक्षण संस्थान अब योजना का अनुचित लाभ नहीं उठा सकेंगे पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जवाबदेही तय करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों और नोडल अधिकारियों को डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से उम्मीदवारों का सत्यापन करना होगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद इसे जिला छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि पहले की व्यवस्था में 10वीं के बाद की कक्षाओं के लिए एकमुश्त बजट प्रावधान किया जाता था और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस अधिक होने के कारण अधिकांश बजट उनके छात्रों पर खर्च हो जाता था। इससे गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी योजना के लाभ से वंचित हो गये. नए नियमों से सभी कोर्स के छात्रों को फायदा होगा.

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