यूपी के बाद बिहार सरकार ने किसानों को दिया तोहफा गन्ने का रेट 20 रुपये बढ़ाया
उत्तर प्रदेश के बाद बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों को तोहफा दिया है बिहार सरकार ने गन्ने की कीमत में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है नई दरें इसी सत्र से लागू होंगी गन्ना खरीद बढ़ाकर किसानों को भुगतान किया जाएगा। बिहार सरकार के इस फैसले से राज्य के 3 लाख गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा गन्ने की कीमत में 20 रुपये की बढ़ोतरी से बिहार में गन्ने की कीमत 355 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गयी है
बिहार के गन्ना किसानों को राज्य सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है गन्ना उद्योग विभाग मंत्री आलोक कुमार मेहता ने गन्ना पेराई 2023-24 के लिए किसानों के हित में गन्ना मूल्य बढ़ाने की घोषणा की है जिसके तहत इस सत्र से किसानों को गन्ना खरीद पर 20 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भुगतान किया जाएगा शनिवार को विभाग की बैठक के बाद मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि यह दर इसी सत्र की शुरुआत से लागू होगी गन्ना मूल्य बढ़ने से गन्ना उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी। इससे करीब तीन लाख गन्ना किसानों को फायदा होगा
चीनी मिल उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि गन्ना किसानों के परिवारों को करीब 2500 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान मिल सकेगा मंत्री ने विश्वास जताया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में बिहार में और अधिक चीनी मिलें लगेंगी और इस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा इससे किसानों का गन्ना उत्पादन के प्रति आकर्षण बढ़ेगा
इसी दर से भुगतान किया जायेगा
- सामान्य और उन्नत प्रजाति के गन्ने की कीमत में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है
- अब किसानों को सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 335 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा
- सर्वोत्तम प्रजाति के गन्ने के लिए किसानों को 355 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा
- इसी तरह निम्न ग्रेड के गन्ने के लिए किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा
जदयू नेता ने किसानों की समस्याओं से सीएम को अवगत कराया था
इससे पहले इसी सप्ताह जदयू के प्रदेश प्रवक्ता और बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह ने इसी सप्ताह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी और उन्हें ज्ञापन के माध्यम से किसानों की समस्याओं से अवगत कराया था
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से कहा था कि वर्षों से गन्ना किसान अपनी फसल चीनी मिलों को पुरानी दर पर बेचने को मजबूर हैं किसानों को उनकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। आज चीनी मिल प्रबंधन फायदे में है और इथेनॉल और बिजली का उत्पादन भी कर रही है जबकि किसानों को गन्ने की फसल से उस अनुपात में मुनाफा नहीं मिल रहा है
गन्ना मूल्य निर्धारित करने का अधिकार राज्य सरकार को है
पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने गन्ना मूल्य निर्धारित करने का अधिकार राज्य सरकार को दे दिया था चीनी मिल का पेराई सत्र चल रहा है फिर भी चीनी मिल किसानों को उनकी फसल का भुगतान पुरानी दर पर कर रही है राज्य सरकार को इस जनहित मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत है. पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है