sugarcane FRP 2024-25: गन्ना किसानों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा तोहफा
केंद्र सरकार ने देश के सभी गन्ना किसानों को जबरदस्त खुशखबरी दी है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने गन्ने की कीमत में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब गन्ना किसानों को नए गन्ना मूल्य के रूप में 340 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान मिलेगा किसानों को गन्ने की नई कीमत का लाभ अगले सीजन से मिलेगा जो 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 तक चलेगा इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट में गन्ना खरीद मूल्य में 8 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है 21 फरवरी 2024 को बैठक हुई अब गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) 340 रुपये प्रति क्विंटल होगा इससे पहले 2023-24 में गन्ने की एफआरपी 315 रुपये प्रति क्विंटल थी सरकार के इस कदम के बाद चीनी सीजन 2024-25 के लिए गन्ना किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान होने की संभावना है
भारत में गन्ने की ऐतिहासिक कीमत किसानों को सबसे ज्यादा भुगतान
भारत में गन्ना किसानों को दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है और उपभोक्ताओं को सबसे सस्ती चीनी मिल रही है केंद्र सरकार ने गन्ने की एफआरपी (उचित एवं लाभकारी मूल्य) को गन्ने का ऐतिहासिक मूल्य बताया है जो चालू सीजन 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से करीब 8 फीसदी ज्यादा है गन्ने का A2+FL लागत से 107 प्रतिशत अधिक है कुल मिलाकर गन्ने की नई एफआरपी गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगी केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से ज्यादा गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा
दस साल में गन्ने की एफआरपी 210 से 340 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई
केंद्र सरकार ने हमेशा कृषि और किसानों के हित में काम किया है। पिछले दस वर्षों के दौरान गन्ने का एफआरपी यानी उचित एवं लाभकारी मूल्य 210 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है 2014-15 में गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 210 रुपये प्रति क्विंटल था जो अब 2024-25 में 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे गन्ना किसानों की आय बढ़ेगी यह निर्णय किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी की पुष्टि करता है
गन्ने की यह एफआरपी 10.25 प्रतिशत चीनी रिकवरी पर मिलेगी
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब चीनी मिलें किसानों को गन्ने की एफआरपी 10.25 फीसदी की रिकवरी पर 340 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान करेंगी रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि पर किसानों को प्रति क्विंटल 3.32 रुपये अधिक मिलेंगे जबकि रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी पर उतनी ही राशि की कटौती की जाएगी जबकि 9.5 प्रतिशत या उससे कम रिकवरी वाली चीनी मिलों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 315.10 रुपये प्रति क्विंटल होगा
चीनी मिलें आत्मनिर्भर हुईं तो किसानों को पूरा भुगतान मिला
मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में चीनी मिलों और गन्ना किसानों की हालत में सुधार हुआ है केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं 2014 से पहले किसानों को अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ता था उस समय गन्ने का दाम भी उचित नहीं था लेकिन अब मोदी सरकार के 10 वर्षों में किसानों को सही समय पर सही कीमत मिले
इसके लिए काम किया गया है। जहां चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई हैं, वहीं गन्ना किसानों को लगभग पूरा भुगतान मिल गया है। चीनी सीज़न 2022-23 का 99.5 प्रतिशत और अन्य सभी चीनी सीज़न का 99.9 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। बकाया भुगतान शेष अब चीनी इतिहास में सबसे कम है। अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि चीनी सीजन 2021-22 के बाद चीनी मिलों को कोई सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है. सभी चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई हैं
किसानों के खाते में सीधे पैसा भेजा गया
केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को राहत देते हुए उनके खातों में पैसे भेज दिए हैं. किसानों को हर साल ज्यादा पैसा मिल रहा है केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2019-20 में गन्ना किसानों के खातों में 75,854 करोड़ रुपये भेजे गए. वर्ष 2020-21 में गन्ना किसानों को 93,011 करोड़ रुपये मिले 2021-22 में गन्ना किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं वहीं 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई अब उम्मीद है कि 2024-25 चीनी सीजन में किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भेजी जाएगी.
पीएम मोदी ने जताई खुशी
गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई है उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा हमारी सरकार देशभर में अपने किसान भाइयों-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है इसी कड़ी में गन्ना खरीद मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा
एफआरपी क्या है
एफआरपी को उचित और लाभकारी मूल्य कहा जाता है यह वह न्यूनतम कीमत है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है