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Sugarcane Farmers: यूपी के गन्ना किसानों को तोहफा गन्ने का पेमेंट जाने गन्ने का नया रेट

Sugarcane Farmers: यूपी के गन्ना किसानों को तोहफा गन्ने का पेमेंट जाने गन्ने का नया रेट

सरकार की चीनी नीतियों ने स्थिर खुदरा कीमतें, किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया: अधिकारी
देश में चीनी/गुड़से से इथेनॉल उत्पादन क्षमता 900 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है, जो 10 साल पहले की क्षमता से 4 गुना अधिक है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चीनी क्षेत्र के लिए सरकार की नीतियों ने पिछले कुछ वर्षों में घरेलू बाजारों में चीनी की खुदरा कीमतों में स्थिरता और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है।

यह कहते हुए कि सरकार की नीति सुसंगत बनी हुई है, अधिकारी ने कहा कि देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नीतियों को गतिशील और लचीला होना चाहिए क्योंकि गन्ने की फसल कृषि-जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है।

अधिकारी ने कहा, “यह ध्यान रखना उचित है कि भारत में चीनी की कीमतें स्थिर रही हैं, जबकि चीनी की वैश्विक कीमतों में अभूतपूर्व अस्थिरता देखी गई, जो 2023 में 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।”

गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. इस गन्ना पेराई सत्र से पहले राज्य सरकार गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी कर सकती है. सरकार ने इसकी मंजूरी भी दे दी है और इसके बाद गन्ने की कीमत बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. खास बात यह है कि चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को खुश करने में जुट गए हैं कहीं मुफ्त मोबाइल फोन दिए जा रहे हैं तो कहीं घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसी कड़ी में अब सरकार भी किसानों को खुश करने में जुट गई है

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सरकार किसी भी हालत में किसानों को नाराज नहीं करना चाहती है, इसलिए गन्ना किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए सीएम ने गन्ने के दाम में बढ़ोतरी की मांग को मंजूरी दे दी है सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार गन्ने की कीमत बढ़ाने की तैयारी कर रही है और जल्द ही गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी की जा सकती है अगर ऐसा हुआ तो राज्य के करीब 45 लाख किसानों को इसका सीधा फायदा होगा

प्रदेश में किसानों की संख्या सबसे ज्यादा लेकिन गन्ने का दाम सबसे कम

पूरे देश में सबसे ज्यादा गन्ना किसान यूपी में हैं और बड़ी संख्या में लोग गन्ना उद्योग से जुड़े हैं। ऐसे में यूपी में सबसे ज्यादा गन्ना किसान होने के बावजूद यहां के किसानों को अभी भी अन्य राज्यों के मुकाबले गन्ने की सबसे कम कीमत मिल रही है इसे लेकर किसान संगठनों ने नाराजगी जताई और सरकार से गन्ने का दाम बढ़ाने की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है तब से राज्य सरकार गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना मूल्य बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

Sugarcane Farmers
Sugarcane Farmers

गन्ने की कीमत कितनी बढ़ने की उम्मीद

प्रदेश में गन्ने की मौजूदा कीमत को लेकर भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि यूपी सरकार ने पिछले साल भी गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया वहीं महंगाई और गन्ने की खेती की लागत बढ़ गई है जिससे किसान परेशान हैं राज्य सरकार को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है जिसमें गन्ने का दाम बढ़ाने की मांग की गई है जिस पर सीएम योगी ने गन्ने का दाम बढ़ाने पर सहमति जताई है अनुमान है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 30 से 35 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है आपको बता दें कि फिलहाल यूपी में गन्ने का समर्थन मूल्य, जिसे एसएपी कहा जाता है 350 रुपये प्रति क्विंटल है अगर इसमें 30 या 35 रुपये की बढ़ोतरी हुई तो यहां गन्ने की कीमत 380-385 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती है

गन्ने की बढ़ी कीमतों का लाभ कितने किसानों को मिलेगा

अगर यूपी सरकार गन्ने का दाम बढ़ाती है तो इसका सीधा फायदा 45 लाख किसानों को होगा आपको बता दें कि राज्य के 45 लाख से ज्यादा किसान गन्ना उत्पादन से जुड़े हैं भारत में सर्वाधिक गन्ने की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है और यहीं सबसे अधिक चीनी मिलें हैं जो गन्ने की पेराई करके उससे चीनी बनाती हैं

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किसानों ने की मांग

किसान संगठन ने सरकार से उत्तर प्रदेश के बकाया गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान करने की भी मांग की है उनका कहना है कि 14 दिन के अंदर भुगतान न होने पर और देरी से भुगतान होने पर तत्काल गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाए 14 दिन के अंदर भुगतान न होने पर उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 एवं उससे संबंधित नियमावली 1954 के प्रावधानों के अनुसार गन्ना मूल्य एवं कमीशन भुगतान में विलंबित भुगतान पर ब्याज लगाया जाए विलंबित भुगतान पर, जिसका वादा चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है इसका ब्याज पहले से ही बकाया है

यूपी में किसानों का कितना गन्ना पैदा होता है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022-23 के दौरान यूपी में कुल 29 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि महाराष्ट्र में 105.30 टन चीनी का उत्पादन हुआ है राज्य में कुल 2,348 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ जबकि महाराष्ट्र में 1,1413 लाख टन का उत्पादन हुआ अगर गन्ने की पेराई की बात करें तो 2022-2023 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा कुल गन्ने की पेराई 1,084.57 लाख टन थी जबकि महाराष्ट्र में केवल 1053 लाख टन गन्ने की पेराई की गई आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 157 चीनी मिलें हैं जिनमें से 118 चालू हैं जबकि महाराष्ट्र में 246 में से 210 मिलें चालू हैं सत्र 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई

जो देश के किसी भी अन्य राज्य से अधिक है. जबकि महाराष्ट्र में इसके आधे यानी 14.87 लाख हेक्टेयर में ही गन्ने की खेती होती थी जो काफी कम है इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में उपरोक्त राज्यों की सूची में नंबर एक पर है इसके बावजूद यहां के किसानों को गन्ने के बेहतर दाम नहीं मिल पा रहे हैं अगर गन्ने की कीमत बढ़ेगी तो इन गन्ना किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और वे दोगुने उत्साह से गन्ने की खेती करके देश में चीनी उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे

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