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Kisan Update 2024: गन्ने के अंदर लगने वाला लाल कैंसर रोग से किसान अपनी फसल को ऐसे बचाएं जल्दी से जानें पूरी जानकारी

Kisan Update 2024: गन्ने के अंदर लगने वाला लाल कैंसर रोग से किसान अपनी फसल को ऐसे बचाएं जल्दी से जानें पूरी जानकारी

कृषि विज्ञान अधिकारी ने बताया कि इस रोग को गन्ने के लिए कैंसर माना गया है क्योंकि एक बार यह रोग किसी भी फसल में लग जाए तो इसकी रोकथाम जल्दी नहीं की जा सकती यह रोग जिस भी खेत में लगता है उसकी पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।

गन्ने की फसल में लगने वाले रोगों के बारे में जाने

गन्ने की फसल में अक्सर लाल सड़न रोग दिखाई देता है जिसे रेड राट डिजीज रोग के नाम से जाना जाता है यह रोग गन्ने की फसल के लिए एक प्रकार का कैंसर है किसान अपनी फसलों को इस बीमारी से बचाने के लिए कई प्रयास करते हैं फिर भी उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा

कृषि विज्ञान अधिकारी डॉ आईके कुशवाह ने बताया कि इस रोग को गन्ने के लिए कैंसर माना गया है क्योंकि एक बार यह रोग किसी भी खेत में लग जाए तो इसकी रोकथाम जल्दी नहीं की जा सकती। जिस भी गन्ने के खेत में यह रोग लगता है, उस खेत की फसल बर्बाद हो जाती है। इसका प्रभाव कई वर्षों तक खेत से नहीं जाता।

Sugarcane-Crop 2024
Sugarcane-Crop 2024

गन्ने की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों से किसान जानिए बचाव के उपाय

  • गर्मी में किसान अपने गन्ने की फसल की गहरी जुताई करें
  • बुवाई करते समय किसानों को स्वस्थ गन्ने का बीज का उपयोग करना चाहिए
  • सभी किसान ऐसे खेत से गन्ने का बीज चुने गन्ने के अंदर किसी प्रकार की बीमारी ना हो
  • बीजोपचार के बाद ही किसान अपनी गन्ने फसल की बुआई करें।

फसल में लगने वाले रोग के लक्षण जानिए

डॉ. आईके कुशवाह ने बताया कि लाल सड़न रोग से प्रभावित गन्ने के तीसरे समूह की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और पूरा गन्ना सूखने लगता है प्रभावित गन्ने के सिरे को काटने पर भीतरी भाग लाल रंग का दिखाई देता है जिसके बीच में सफेद धब्बे दिखाई देते हैं और शराब जैसी गंध आती है गन्ना इतना कमजोर हो जाता है कि बहुत आसानी से टूट जाता है यह एक फफूंदयुक्त मृदा एवं बीज जनित रोग है। आज के समय में यह रोग गन्ने की 0238 प्रजाति में दिखाई दे रहा है।

गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग से बचाव के उपाय देखे

कृषि विज्ञान अधिकारी ने बताया कि यदि खेत को इस रोग से बचाना है तो 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा हाइजीनियम को 50 किलोग्राम गोबर की खाद में मिलाकर लगभग 10 दिनों तक छाया में रखें 10 दिन बाद शाम के समय खेत में पानी छिड़क दें या जुताई कर दें इससे यदि खेत में कहीं भी ये कीटाणु मौजूद हों तो वे नष्ट हो जाते हैं बुआई के लिए स्वस्थ बीजों का प्रयोग करें रोग प्रतिरोधी गन्ना प्रजाति कोल 15023 कोल्स 14201 कोसा 13235 को 118 आदि की बुआई करें प्रभावित खेत से पानी स्वस्थ खेत में न जाने दें तथा ग्रीष्मकालीन जुताई करें

गन्ने की खड़ी फसल में रोग लग जाए तो किसान को क्या करना चाहिए

खेत में टाइकोडर्मा हाइजेरियम का प्रयोग करें रोग से प्रभावित पौधों को जड़ों से निकालकर सुरक्षित स्थान पर जला दें 5 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर को पानी में मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं जहां से प्रभावित गन्ना उखाड़ा गया हो इससे वह बीमारी खत्म हो जाएगी और ग्रीष्मकालीन जुताई अवश्य करनी चाहिए ग्रीष्मकालीन जुताई से मिट्टी से हानिकारक कीट समाप्त हो जाते हैं

 

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