Kisan Update 2024: किसान गन्ने की फसल में 3 महीने तक करें यह काम सबसे अधिक होगी गन्ने की पैदावार
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने फरवरी और मार्च में गन्ना बोया है। ये समय उनके लिए बेहद अहम है. क्योंकि अब गन्ने के जमाव के बाद बहुत तेजी से कल्ले निकल रहे हैं। वर्तमान तापमान कली निर्माण के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में जरूरी है कि गन्ने की जड़ों में पर्याप्त नमी रहे.
अगर आप भी एक किसान हैं तो
गन्ने की फसल में 3 महीने की मेहनत के बाद अगले 9 महीने तक सभी किसान टेंशन फ्री रह सकते हैं. फिर गन्ने की फसल से किसान मालामाल हो जाएंगे साल में एक बार पैदावार देने वाली गन्ने की खेती से किसानों को साल में एक बार बहुत अच्छी पैदावार मिलती है अप्रैल, मई और जून का महीना गन्ना किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर किसान इन तीन महीनों में किसानों ने गन्ने की बेहतर देखभाल कर ली किसानो ने तो गन्ने की फसल से किसानों को बहुत उत्पादन होगा और किसानों की फसल रोग मुक्त भी रहेगी इस समय जरूरी है कि किसान अपने गन्ने के खेतों की समय पर सिंचाई करें और निराई-गुड़ाई करते रहना होगा
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने फरवरी और मार्च में गन्ना बोया है। ये समय उनके लिए बेहद अहम है. क्योंकि अब गन्ने के जमाव के बाद तेजी से कल्ले निकल रहे हैं।
गर्मी में किसान गन्ने की निराई और गुड़ाई एवं सिंचाई करते रहे
डॉ. संजीव पाठक ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया है कि अगर किसान मई, जून और जुलाई तीन महीनों में गन्ने की फसल में अच्छी तरह से देखभाल कर ले तो और किसान सिंचाई और निराई-गुड़ाई पर ध्यान दें तो उन्हें बंपर उत्पादन मिलेगा किसानों को खेतों में पर्याप्त नमी बनाए रखनी चाहिए तथा समय-समय पर सिंचाई एवं निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए
किसानों को गन्ने की फसल में 3 महीने तक करे ये काम
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि किसानों को अपने खेतों में 15 से 20 दिन में सिंचाई करने के बाद तीन से चार दिन बाद नमी रहने पर गन्ने की गुड़ाई करनी चाहिए। निराई-गुड़ाई करने से खरपतवार नष्ट हो जायेंगे। इसके अलावा मिट्टी में वायु संचार बेहतर होगा. जिससे गन्ने के कल्ले बहुत तेजी से निकलेंगे। जरूरी है कि किसान गन्ने की फसल को तीन महीने में छह बार पानी दें और छह बार निराई-गुड़ाई भी करें।
किसानों के लिए गन्ने की पेड़ी में निराई-गुड़ाई करना जरूरी है।
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने गन्ने की कटाई कर ली है। इसके बाद यदि वे पेड़ी की फसल ले रहे हैं तो उन्हें सिंचाई के बाद पेड़ी की फसल की निराई-गुड़ाई करना भी जरूरी है। इससे किसानों को गन्ने की पेड़ी में बहुत उत्पादन मिलेगा और किसानों को अच्छा मुनाफा होगा. क्योंकि गन्ने की पेड़ी में किसानों का बहुत कम पैसे खर्च होता है
गन्ने की खेती में किसानों को कीटों पर नियंत्रण ऐसे करें
डॉ. संजीव पाठक ने कहा कि गन्ने में सिंचाई व निराई-गुड़ाई के अलावा कीट प्रबंधन भी बहुत जरूरी है। बढ़ते तापमान के बीच गन्ने की फसल पर तना छेदक कीटों का हमला हो गया है। ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को कीटों से बचाने के लिए 150 मिलीलीटर कोराजन को 400 लीटर पानी में घोलकर पौधों को जड़ों के पास से भीगवाना चाहिए 24 घंटे भीगने के बाद खेत में पानी छोड़ दें और सिंचाई करें.
इसके अलावा यदि फसल में रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप हो रहा हो तो प्रोफेनोफॉस 40 प्रतिशत तथा साइपरमेथ्रिन 4 प्रतिशत ईसी 750 मिली मात्रा लेकर 625 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर गन्ने की फसल में छिड़काव करें जिससे पत्तियों का रस चूसने वाले कीड़ों का प्रभाव कम हो जायेगा.