नई दिल्ली : महाराष्ट्र की निलंबित ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। खेडकर ने उच्च न्यायालय के फैसले को “न्यायपूर्ण नहीं” बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए इसे “क्लासिक धोखाधड़ी का मामला” बताया था, जिसमें एक संवैधानिक निकाय ही नहीं, बल्कि पूरे समाज और देश को धोखा दिया गया है। न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने कहा था कि खेडकर ने साजिश रची है और देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है। अदालत ने जांच में उनकी संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेतों का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
अब, खेडकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार, 15 जनवरी को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश शर्मा की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल पूजा खेडकर तब सुर्खियों में आई थीं जब उन पर 2022 में आयोजित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप लगा था। उन पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का लाभ उठाने का भी आरोप है। इस धांधली का खुलासा होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। पुणे में पोस्टिंग के दौरान अपने कथित “रौब” के कारण भी वह चर्चा में रहीं थीं।

Ravi Kumar has a BCA & Master’s degree in Mass Media and over 8 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.