IIT Baba: आईआईटी बाबा, जिनका असली नाम अभय सिंह है, एक ऐसा व्यक्तित्व हैं जो विज्ञान और अध्यात्म के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे से स्नातक होने के बाद, उन्होंने एक प्रतिष्ठित एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम किया। लेकिन उनकी जिज्ञासा और आध्यात्मिकता के प्रति रुचि ने उन्हें एक अलग रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
हरियाणा में जन्मे अभय सिंह शुरू से ही गणित और विज्ञान में उत्कृष्ट थे। उनकी इस प्रतिभा ने उन्हें भारत के शीर्ष तकनीकी संस्थानों में से एक, आईआईटी बॉम्बे में प्रवेश दिलाया। वहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अंतरिक्ष विज्ञान और एरोनॉटिक्स में गहरी समझ विकसित की।
करियर और विदेश में अनुभव
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, अभय सिंह ने एयरोस्पेस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में काम किया। कनाडा में काम करने के दौरान भी उन्होंने नई तकनीकों और अनुसंधानों में योगदान दिया। लेकिन इस व्यस्त जीवन के बीच, उन्हें महसूस हुआ कि केवल वैज्ञानिक उपलब्धियां ही जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं हैं। यह एहसास उन्हें आत्म-खोज की दिशा में ले गया।
आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत
आईआईटी से इंजीनियर बनने के बाद, अभय सिंह ने आध्यात्मिकता की ओर रुख किया और ‘आईआईटी बाबा’ के रूप में पहचाने जाने लगे। उन्होंने वैज्ञानिक सोच और आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़ने का प्रयास किया और अपनी शिक्षाओं के माध्यम से इसे लोगों तक पहुँचाया। उनकी शिक्षाएँ वैज्ञानिक तर्क और गहरी आध्यात्मिक अवधारणाओं का मिश्रण हैं।
महा कुम्भ में भागीदारी और प्रसिद्धि
आईआईटी बाबा की ख्याति 2025 के महा कुंभ मेले में भाग लेने के बाद और बढ़ी। वहां उन्होंने अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से धार्मिक प्रथाओं की व्याख्या की और बताया कि कैसे प्राचीन परंपराएँ वैज्ञानिक सिद्धांतों से जुड़ी हुई हैं। उनकी यह अनूठी शैली विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हुई।
IIT Baba विवाद और चुनौतियाँ
उनकी बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ विवाद भी जुड़े। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें जुना अखाड़ा से निष्कासित कर दिया गया था। इस घटना ने उनके अनुयायियों और आलोचकों के बीच बहस छेड़ दी कि क्या वे वास्तव में एक आध्यात्मिक गुरु हैं या सिर्फ एक प्रभावशाली व्यक्ति। हालांकि, इन विवादों के बावजूद, उन्होंने अपने विचार साझा करना जारी रखा।
आईआईटी बाबा की भविष्यवाणी और क्रिकेट विवाद
2025 में, उन्होंने भारत-पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी मैच के बारे में एक भविष्यवाणी की थी कि भारत यह मैच हार जाएगा। उनकी इस घोषणा ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। लेकिन जब मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराकर शानदार जीत दर्ज की, तो उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हो गई। इसके बाद, सोशल मीडिया पर आईआईटी बाबा को लेकर कई मीम्स और मजाकिया टिप्पणियाँ वायरल हुईं।
आईआईटी बाबा की प्रतिक्रिया
अपनी भविष्यवाणी गलत साबित होने के बाद, आईआईटी बाबा ने एक वीडियो में कहा कि उनकी मंशा गलत साबित होने की नहीं थी, बल्कि लोगों को यह सिखाने की थी कि भविष्यवाणियाँ हमेशा सही नहीं होतीं। उन्होंने यह भी कहा कि खेल और जीवन दोनों में अनिश्चितता बनी रहती है।
विज्ञान और अध्यात्म का संगम
आईआईटी बाबा का मुख्य उद्देश्य विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन बनाना है। वे इस विचार को बढ़ावा देते हैं कि तर्क और विश्वास एक साथ चल सकते हैं। उनके विचारों के अनुसार, वैज्ञानिक अनुसंधान और आध्यात्मिक खोज दोनों ही जीवन को अधिक सार्थक बना सकते हैं।
निष्कर्ष
आईआईटी बाबा का जीवन एक असाधारण यात्रा का प्रतीक है—एक ऐसा सफर जो विज्ञान और आध्यात्मिकता को जोड़ने की कोशिश करता है। हालाँकि उनकी भविष्यवाणियों पर सवाल उठाए जा सकते हैं, लेकिन उनकी सोच और दृष्टिकोण लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि विज्ञान और अध्यात्म एक साथ कैसे काम कर सकते हैं।

Ravi Kumar has a BCA & Master’s degree in Mass Media and over 8 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.