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मोदी सरकार ने की घोषणा ,महिलाओं को एयरपोर्ट के लिए शादी या तलाक का सर्टिफिकेट देना जरूरी नहीं

मोदी सरकार ने की घोषणा ,महिलाओं को एयरपोर्ट के लिए शादी या तलाक का सर्टिफिकेट देना जरूरी नहीं

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नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घोषणा की कि अब महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में नाम बदलवाना जरूरी नहीं है, उन्हें पासपोर्ट के लिए शादी या तलाक का प्रमाण पत्र भी जमा कराने की जरूरत नहीं है, महिलाएं पासपोर्ट आवेदन में अपने पिता या माता का नाम लिख सकती हैं।

महिलाओं को पुरुषों की तरह ज्यादा अवसर मिलने चाहिए

  •  न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इंडियन मर्चेंट चैंबर की लेडीज विंग के स्वर्ण जयंती समारोह में मोदी ने महिलाओं को पुरुषों की तरह ज्यादा अवसर दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमने हाल ही में मैटरनिटी बिल पास किया है, जिसमें छुट्टियों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा यानी 12 से 26 हफ्ते कर दी गई है।”
  • मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने देश के विकास में महिलाओं के योगदान का जिक्र करते हुए कहा, “उनकी क्षमता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। सरकार मुद्रा और उज्ज्वला जैसी योजनाओं के जरिए महिला सशक्तीकरण पर काम कर रही है, मैं चाहता हूं कि सभी विकास योजनाओं में घर की महिलाओं को महत्व मिले।

” समाज पर भी उठाए सवाल

  • मोदी ने देश में पितृसत्तात्मक समाज पर भी बात की। उन्होंने कहा, “ऐसा क्यों है कि संपत्ति और घर केवल पति या लड़कों के नाम पर ही पंजीकृत होते हैं? अगर घर किसी महिला के नाम पर पंजीकृत है, तो उसे पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए विवाह या तलाक का प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है।”

उज्ज्वला योजना के लिए नया लक्ष्य निर्धारित –

  • कार्यक्रम के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने अगले 2 वर्षों में 5 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभ प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। अभी केवल 2 करोड़ महिलाएं ही इस योजना का लाभ उठा रही हैं।

पासपोर्ट बनवाने के लिए ये हैं नए नियम

  • इस साल 8 फरवरी को सुषमा स्वराज ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पासपोर्ट के नए नियमों की जानकारी दी थी। जो इस प्रकार हैं… बिना शादी के पैदा हुए बच्चे भी पासपोर्ट बनवा सकते हैं। इसके लिए आवेदक को पासपोर्ट आवेदन जमा करते समय अनुलग्नक सी जमा करना होगा।
  • अनाथ बच्चे जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट या जन्म का कोई अन्य प्रमाण नहीं है, वे अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के प्रमुख से अपनी जन्मतिथि की पुष्टि करवाकर आवेदन कर सकते हैं। – गोद लिए गए बच्चों का पासपोर्ट बनवाने के लिए अब रजिस्टर्ड एडॉप्शन डीड जमा कराना अनिवार्य नहीं है। पासपोर्ट आवेदक सादे कागज पर बच्चे को गोद लेने का घोषणापत्र दे सकता है।
  • अलग-अलग रहने वाले लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए अपने पति या पत्नी का नाम देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए तलाक का प्रमाण पत्र देना भी जरूरी नहीं है।
  • विवाहित आवेदकों को अब तत्कालीन एनेक्सचर या विवाह प्रमाण पत्र देने की भी जरूरत नहीं है।
  • साधु-संन्यासी अपने माता-पिता के नाम की जगह अपने आध्यात्मिक गुरु का नाम लिखकर पासपोर्ट बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक दस्तावेज (वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड) जमा कराना होगा, जिसमें माता-पिता की जगह गुरु का नाम लिखा हो। – सरकारी कर्मचारी जो अपने नियोक्ता से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं ले पाए हैं और तुरंत पासपोर्ट चाहते हैं, वे अब खुद सेल्फ डिक्लेरेशन लेटर जमा करा सकते हैं। कर्मचारी को नियोक्ता को बताना होगा कि वह पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहा है।
  • 1989 के बाद पैदा हुए लोगों को अब पासपोर्ट के लिए जन्म प्रमाण पत्र जमा कराने की जरूरत नहीं है। आवेदक मार्कशीट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी में से कोई भी एक दस्तावेज जमा कर सकते हैं।

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