हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह काफी गर्व का विषय है कि पहली बार भारत में हो रही एशियन कैडेट कप स्पर्धा की मेजबानी देवभूमि को मिली है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में प्राचीन युद्ध खेल तलवारबाजी की शुरूआत काफी देर से हुई है। अन्य खेलों की तुलना में फेंसिंग(तलवारबाजी) को उतना प्रोत्साहन नहीं मिल पाया।लेकिन कुछ वर्षों में फेंसिंग ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।
शुक्रवार को गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर के मानसखंड हाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले एशियन कैडेट कप 2025 का भव्य रूप से शुभारंभ किया। इस दौरान फेंसिंग एसोसिएशन आफ इंडिया के महासचिव राजीव मेहता ने सीएम धामी को नटराज की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। तलवारबाजी की इस अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 17 देशों के 190 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
पहले दिन वूमेन इपी, मेन फायल व सेबर इवेंट खेले गए। इससे पूर्व खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि तलवारबाजी खेल में देश की पहली महिला ओलिंपियन व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सीए भवानी देवी के राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों में पदक लाने के बाद युवाओं का रुझान फेंसिंग की तरफ तेजी से बढ़ा है।आज युवा न केवल इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। निशानेबाजी, तिरंदाजी व भाला फेंक खेलों में पूरे विश्व में भारत का परचम लहरा रहा है।
मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में तलवारबाजी में भी हमारे युवा उत्कृष्ट प्रदर्शन करके देश का नाम रोशन करेंगे। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य में 517 करोड़ की लागत से विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रेक्चर का विकास किया है। इसका परिणाम है कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन का महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। इसका उदाहरण एशियन कैडेट कप 2025 ही है।