सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के जजों के प्रदर्शन मूल्यांकन पर जोर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि कुछ जज अपने कार्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं इसलिए उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट के जजों के लिए स्कूल प्रिंसिपल की तरह काम नहीं करना चाहती।
पीठ ने कहा कि कुछ न्यायाधीश ऐसे हैं, जो दिन-रात काम करते हैं और बेहतरीन तरीके से केस निपटाते हैं। लेकिन, साथ ही कुछ जज ऐसे भी हैं जो दुर्भाग्यवश काम नहीं कर पाते। कारण चाहे अच्छा हो या बुरा, हमें नहीं पता। मान लीजिए कोई जज एक क्रिमिनल अपील की सुनवाई कर रहा है, तो हम यह उम्मीद नहीं करते कि वह एक दिन में 50 केस निपटाए।