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Sugarcane 2024: गन्ने का रेट इतने रुपए बढ़ा सकती है योगी सरकार 45 लाख किसानों को होगा फायदा

Sugarcane 2024: गन्ने का रेट इतने रुपए बढ़ा सकती है योगी सरकार 45 लाख किसानों को होगा फायदा

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि गन्ना पेराई सत्र 2022-23 में गन्ने के रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई ऐसे में किसानों को सीएम योगी से काफी उम्मीदें हैं ऐसे में योगी सरकार को गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाना चाहिए

उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों को बड़ा तोहफा दे सकती है। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार गन्ने का रेट बढ़ा सकती है इससे राज्य के हजारों किसान परिवारों को लाभ होगा खास बात यह है कि योगी सरकार ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है वहीं भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि यूपी सरकार ने पिछले साल भी गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया था ऐसे में महंगाई और लागत को देखते हुए योगी सरकार को गन्ना पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ना मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए

गन्ना किसानों को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है

सरकार चालू पेराई सत्र के लिए गन्ने के बहुप्रतीक्षित राज्य परामर्शी मूल्य की घोषणा करने की तैयारी कर रही है एक-दो दिन में गन्ना मूल्य तय हो जाएगा

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए जल्द ही अच्छी खबर आने वाली है। योगी आदित्यनाथ सरकार चालू पेराई सत्र के लिए गन्ने का बहुप्रतीक्षित राज्य परामर्शी मूल्य घोषित करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने मंगलवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में साफ कहा कि एक-दो दिन में ही गन्ना मूल्य तय कर दिया जायेगा इस बार दो साल बाद गन्ने के राज्य परामर्शी मूल्य में 15 से 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो सकती है

Sugarcane Farmers
Sugarcane Farmers

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बढ़ोतरी से राज्य की चीनी मिलों पर पड़ने वाले खर्च के बोझ को कम करने के लिए राज्य सरकार मिलों को परिवहन भाड़े में एक से दो रुपये की राहत भी दे सकती है गन्ना मूल्य घोषित न होने से चीनी मिलें परेशान किसान अपना गन्ना आपूर्ति करने के बजाय कोल्हू और खांडसारी इकाइयों को दे रहे हैं बदले में उन्हें 360 से 370 रुपये और कहीं-कहीं तो 400 रुपये प्रति क्विंटल का दाम भी मिल रहा है

कीमत पहले दिन से की गई आपूर्ति पर लागू होगी

गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने कहा कि इस बार जो भी गन्ना मूल्य तय होगा, वह पहले दिन से मिलों को होने वाली गन्ना आपूर्ति पर लागू होगा प्रदेश सरकार इन दिनों गन्ना मूल्य कल ही तय करने की कोशिश कर रही है

गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य 29.65 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी।

चीनी मिल ने गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया। भुगतान न मिलने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है शासन-प्रशासन ने चीनी मिल पर किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान करने का दबाव बनाया और नोटिस जारी किये गये। इसके बाद कुछ बकाया राशि का भुगतान किया गया, लेकिन पूरा भुगतान नहीं हो सका. जबकि चीनी मिल का नया पेराई सत्र शुरू हो चुका है

गंगा की बाढ़ का असर गन्ना क्षेत्र के किसानों पर भी पड़ा है

जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. जिससे किसान परेशान हो गए। खेती में भी नुकसान हुआ. बाढ़ के बाद बुखार और बीमारी के प्रकोप ने भी किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है. जिससे किसान परेशान हो गए। गन्ना किसान नेता शंकरपाल सिंह का कहना है कि गन्ना विभाग की लापरवाही के कारण चीनी मिल ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया सरकार का आदेश है कि 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाए, लेकिन चीनी मिल द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया

किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीनी मिल अपनी मनमानी कर रही है. गन्ना विभाग किसानों का गन्ना चीनी मिल के लिए आरक्षित रखता है, लेकिन गन्ने का भुगतान समय पर नहीं करता है। किसान राजपाल सिंह, इंद्रपाल सिंह, कुंवर सिंह, विजयपाल सिंह, शैलेन्द्र कुमार, शांतिस्वरूप उपाध्याय, हाकिम सिंह, जीतेन्द्र, दीनदयाल ने जिला प्रशासन से किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान कराने की मांग की है।

इस मौके पर राधेलाल त्यागी, संजय त्यागी, हरेंद्र प्रधान, प्रदीप त्यागी, रिंकू राघव, रूपराम, मनोज बब्लू, जयभगवान, पंकज त्यागी, मोनू त्यागी, हरेंद्र प्रधान, अनिल हूण, एलपी सिंह तोमर, यशवीर सिंह, यतेंद्र गुर्जर, सुरेंद्र चौहान, रवीन्द्र नागर, विनोद तोमर, अमित त्यागी, अमरेश, पंकज त्यागी, शिवकुमार तोमर आदि शामिल रहे।

गन्ने की कीमत कितनी बढ़ने की उम्मीद

प्रदेश में गन्ने की मौजूदा कीमत को लेकर भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि यूपी सरकार ने पिछले साल भी गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया वहीं महंगाई और गन्ने की खेती की लागत बढ़ गई है जिससे किसान परेशान हैं राज्य सरकार को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है जिसमें गन्ने का दाम बढ़ाने की मांग की गई है जिस पर सीएम योगी ने गन्ने का दाम बढ़ाने पर सहमति जताई है अनुमान है कि गन्ने का समर्थन मूल्य 30 से 35 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है आपको बता दें कि फिलहाल यूपी में गन्ने का समर्थन मूल्य, जिसे एसएपी कहा जाता है 350 रुपये प्रति क्विंटल है अगर इसमें 30 या 35 रुपये की बढ़ोतरी हुई तो यहां गन्ने की कीमत 380-385 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती है

गन्ने की बढ़ी कीमतों का लाभ कितने किसानों को मिलेगा

अगर यूपी सरकार गन्ने का दाम बढ़ाती है तो इसका सीधा फायदा 45 लाख किसानों को होगा आपको बता दें कि राज्य के 45 लाख से ज्यादा किसान गन्ना उत्पादन से जुड़े हैं भारत में सर्वाधिक गन्ने की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है और यहीं सबसे अधिक चीनी मिलें हैं जो गन्ने की पेराई करके उससे चीनी बनाती हैं

बकाया गन्ना भुगतान को लेकर किसानों ने की मांग

किसान संगठन ने सरकार से उत्तर प्रदेश के बकाया गन्ना मूल्य का तत्काल भुगतान करने की भी मांग की है उनका कहना है कि 14 दिन के अंदर भुगतान न होने पर और देरी से भुगतान होने पर तत्काल गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जाए 14 दिन के अंदर भुगतान न होने पर उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 एवं उससे संबंधित नियमावली 1954 के प्रावधानों के अनुसार गन्ना मूल्य एवं कमीशन भुगतान में विलंबित भुगतान पर ब्याज लगाया जाए विलंबित भुगतान पर, जिसका वादा चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया था। एक अनुमान के मुताबिक गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है इसका ब्याज पहले से ही बकाया है

यूपी में किसानों का कितना गन्ना पैदा होता है

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022-23 के दौरान यूपी में कुल 29 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि महाराष्ट्र में 105.30 टन चीनी का उत्पादन हुआ है राज्य में कुल 2,348 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ जबकि महाराष्ट्र में 1,1413 लाख टन का उत्पादन हुआ अगर गन्ने की पेराई की बात करें तो 2022-2023 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों द्वारा कुल गन्ने की पेराई 1,084.57 लाख टन थी जबकि महाराष्ट्र में केवल 1053 लाख टन गन्ने की पेराई की गई आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 157 चीनी मिलें हैं जिनमें से 118 चालू हैं जबकि महाराष्ट्र में 246 में से 210 मिलें चालू हैं सत्र 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई

जो देश के किसी भी अन्य राज्य से अधिक है. जबकि महाराष्ट्र में इसके आधे यानी 14.87 लाख हेक्टेयर में ही गन्ने की खेती होती थी जो काफी कम है इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में उपरोक्त राज्यों की सूची में नंबर एक पर है इसके बावजूद यहां के किसानों को गन्ने के बेहतर दाम नहीं मिल पा रहे हैं अगर गन्ने की कीमत बढ़ेगी तो इन गन्ना किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और वे दोगुने उत्साह से गन्ने की खेती करके देश में चीनी उत्पादन बढ़ाने में मदद करेंगे

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