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ये है गन्ने की खेती का सही तरीका एक बार मानेंगे इस वैज्ञानिक की सलाह तो दोगुनी हो जाएगी गन्ने की पैदावार

ये है गन्ने की खेती का सही तरीका एक बार मानेंगे इस वैज्ञानिक की सलाह तो दोगुनी हो जाएगी गन्ने की पैदावार

गन्ने की खेती करने वाले किसानों को समय-समय पर देखभाल करना अनिवार्य है ताकि विभिन्न प्रकार के कीटों की निगरानी आसानी से की जा सके यहां बुआई से लेकर कटाई तक की सारी जानकारी दी गई है

अगर आप भी गन्ने की खेती शुरू करना चाहते हैं और अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यहां बुआई से लेकर कटाई तक की सारी जानकारी दी गई है डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के वैज्ञानिक ए.के. सिंह ने सलाह दी है उन्होंने कहा कि अगर आप गन्ने की खेती करना चाहते हैं तो मार्च के आखिरी सप्ताह तक इसकी बुआई कर लें उन्होंने बीजों की देखभाल के बारे में भी जानकारी दी उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सलाह से गन्ने की खेती करेंगे तो अच्छा मुनाफा मिलेगा

गन्ने की खेती के लिए यह उपयुक्त समय है

वैज्ञानिक डॉ. ए.के सिंह ने कहा कि गन्ना एक नकदी फसल है। बुआई से पहले किस्मों का चयन करना बहुत जरूरी है ऐसे में किसान मार्च तक गन्ने की फसल लगा सकते हैं यदि किसान इस विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए गए बीज राजेंद्र गन्ना 1 राजेंद्र गन्ना 3 और राजेंद्र गन्ना 5 की खेती करें तो उन्हें अच्छा मुनाफा होगा क्योंकि इन सभी गन्ने से चीनी का उत्पादन अधिक होता है

sugarcane
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गन्ने के साथ अन्य फसलें भी बोई जा सकती हैं।

उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती कतारों में की जाती है। ऐसे में किसान गन्ने के साथ-साथ मूंग प्याज मिर्च आदि फसलें भी उगा सकते हैं इससे किसान न सिर्फ दोगुना मुनाफा कमाएंगे बल्कि गन्ने की पैदावार भी बढ़ेगी उन्होंने बताया कि अब तक हुए प्रयोगों में यह विधि किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई है

ऐसे करें फसलों की निगरानी

गन्ने की खेती करने वाले किसानों को समय-समय पर देखभाल करना अनिवार्य है, ताकि विभिन्न प्रकार के कीटों की निगरानी आसानी से की जा सके यदि गन्ने में किसी भी प्रकार का कीट दिखाई दे तो तुरंत उस पर दवा का छिड़काव करें। इससे गन्ने को खराब होने से बचाया जा सकता है साथ ही मैग्नीशियम कैल्शियम, पोटाश और अन्य औषधियां जमीन में डालें ताकि खेतों की क्षमता बढ़े और अधिक गन्ना निकाला जा सके

गन्ना किसानों को सलाह

इस समय गन्ने की फसल की बुआई का काम चल रहा है गन्ना किसानों को इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है बीज के संबंध में विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए थोड़ी सी लापरवाही गन्ना किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है कृषि विशेषज्ञ और ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट कोयंबटूर के पूर्व निदेशक से जानिए किसानों को किस तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत है

पूर्व निदेशक बक्सीराम का कहना है कि गन्ना बीज खरीदते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि किसी भी ऐसे खेत से गन्ना बीज न खरीदें जिसमें एक भी गन्ने में कोई रोग दिखाई दे रहा हो आम किसानों का मानना है कि गन्ने का पूरा खेत तो ठीक है सिर्फ एक गन्ने का पेड़ ही रोगग्रस्त हो जाए तो क्या फर्क पड़ेगा किसानों की ये सोच नुकसान पहुंचा सकती है ऐसे खेतों से बीज नहीं लेना चाहिए

गन्ने की बुवाई करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

इस खेत के बीज किसान की सारी सफलता पर पानी फेर सकते हैं साथ ही मिट्टी भी खराब हो सकती है इसलिए ऐसे किसी भी खेत से बीज न लें जिसमें एक भी पेड़ खराब दिख रहा हो गन्ने की किसी भी प्रकार की बीमारी से बचने के लिए किसानों को नजदीकी चीनी मिलों में जाना चाहिए यदि किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश का निवासी है तो वह मुजफ्फरनगर गन्ना संस्थान भी जा सकता है वहां से जानकारी ले सकते हैं अन्यथा चीनी मिल में बेहतर सलाह मिल सकती है

उन्होंने कहा कि यदि किसी खेत में गन्ने में लाल धब्बा रोग पाया जाता है तो किसान को उस खेत में गन्ने की फसल बंद कर दूसरी फसल बो देनी चाहिए धान की कटाई करना बेहतर रहेगा इससे खेतों में पानी भरा रहता है जिससे मिट्टी में यदि रोग के कीटाणु होंगे तो वे भी नष्ट हो जायेंगे और अगली बार गन्ने की अच्छी फसल होगी

विकल्प के तौर पर ये बीज

विकल्प के तौर पर सह s13235 या कोलक 14201 की बुआई करनी चाहिए। यह किस्म Co 0238 जितनी उपज नहीं दे सकती है लेकिन बीमारी का खतरा न्यूनतम होगा। हालाँकि केवल इस किस्म के बीज बोना फायदेमंद नहीं होगा। गन्ने में रोग लगने के बाद वहां की मिट्टी भी खराब हो जाती है अत: इसे शुद्ध कर उपजाऊ बनाना चाहिए इसके बाद विकल्प के तौर पर अन्य किस्मों के बीज बोने चाहिए

गन्ना उत्पादन विधि

  • खेत की तैयारी- जुताई के बाद 3-4 जुताई करें।
  • गन्ने की उपयुक्त किस्मों जैसे कोशा 767, 88216, 88230, 95255, 94257 और कोशा 94270 का चयन करें।
  • स्वस्थ गन्ने का ऊपरी भाग बोयें।
  • बीजोपचार- बीज गन्ने को 4-6 घंटे तक पानी में भिगोकर पारा युक्त रसायन में डुबाकर रखें।
  • गन्ने की कतारों के बीच की दूरी 60 सेमी रखें।

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